बहुत अच्छी कविता संगीता जी, कुछ दिनों पहले सूरत में एक विज्ञापन पट्ट पर लिखा पढ़ा था ”
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महाराणा प्रताप चौक पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा के ठीक ऊपर एक विज्ञापन पट्ट लगाने की बेशर्मी की गई है।
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रत्ना जी, ये तो माँ के मनोभाव है अब माँ के नहीं रहने पर उसकी सन्तान के भाव देखिये, जो मैने सुरत शहर में विज्ञापन पट्ट पर पढे़ थे, सामान्य गुजराती में है आशा है आप समझ जायेंगी।
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आज फेसबुक पर विचरण करते हुए एक मित्र के फेसबुक एल्बम में एक विज्ञापन पट्ट का चित्र मिला जो यहाँ प्रस्तुत है आप भी इस विज्ञापन पट्ट को देखिये और सोचिये इसकी भाषा के बारें में मेरी शेखावाटी: ब्लोगिंग के दु...
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आज फेसबुक पर विचरण करते हुए एक मित्र के फेसबुक एल्बम में एक विज्ञापन पट्ट का चित्र मिला जो यहाँ प्रस्तुत है आप भी इस विज्ञापन पट्ट को देखिये और सोचिये इसकी भाषा के बारें में मेरी शेखावाटी: ब्लोगिंग के दु...